बहुत आसान है मंडे को ऑफिस जाना
वैसे तो ये पोस्ट उन लोगों के लिए है जिनको मंडे को आफिस जाने में मौत आती है, ये उनके लिए भी उतनी ही कारगर है जो सोचते हैं कि सैटरडे को ऑफिस नहीं, बार या डिस्क में जाना चाहिए । पर ये उनके लिए बिल्कुल नही है जिनका आफिस जाने का मन तो कभी नही करता पर महीने के फर्स्ट वीक में सैलरी का इंतज़ार रहता है। और ये उनके लिए भी नही है जिनको संडे को भी ऑफिस जाना पड़ता है । ऐसे लोगों में मंडे का ख़ौफ़ ही कहाँ रहता है । कुछ ज़रूरी टिप्स जो आपकी इस प्रॉब्लम का सोल्युशन हो सकते हैं अगर आपके बस की है तो- 1. एक तरफा प्यार कहते हैं एक तरफ़ा प्यार की ताकत ही कुछ और होती है। ये आपको मंडे को ऑफिस जाने की ताकत दे सकता है । बस यही सोचकर पड़ जाओ किसी के चक्कर में । फिर चाहे वो मैरिड हो, बुजुर्ग हो या कोई सीनियर हो, क्या फर्क पड़ता है यार, बस गलतफहमियां पाल लो । उसके हर इंटरेक्शन का गलत मतलब निकालो, फिर देखो आप मंडे को क्या संडे भी ऑफिस जाने लगोगे । आपको लगेगा ही नहीं की कल मंडे है । क्या पता इस चक्कर में कुछ जुगाड़ लग जाये । ...